घरेलू प्रवासी मतदाताओं के मतदान अधिकार का अवलोकन
Author(s): लेखराज वर्मा
Authors Affiliations:
सहायक आचार्य, राजनीति विज्ञान, ब्यावर, राजस्थान
DOIs:10.2018/SS/202503009     |     Paper ID: SS202503009मानव जीवन में प्रवास की अवधारणा पुरातन है मनुष्य रोजगार] शिक्षा] पारिवारिक कारणों से प्रवास करता है] जहां वह प्रवास कर रहा है वहां पर उसकी अलग संस्क़ति व अलग व्यवस्थाएं होती है जो मूल निवास से अलग होती है । उसी के अनुसार उसे अधिकार स्वतंत्रता प्राप्त होती है । चुनाव में मत देने के अधिकार से भी वे प्रभावित होते है । क्योकि वह अपना मत केवल वहां दे सकते है जहां मतदाता सूची में नाम है और सामान्यत- मतदाता सूची में नाम अपने मूल निवास स्थान पर ही होता है । ऐसे में वह प्रवासी अपने मूल निवास पर जाकर ही मतदान का प्रयोग कर सकता है अन्य स्थान पर नहीं यह उसके लिए कभी संभव होता है कभी नहीं होता है क्योकि कभी वह आवागमन में पैसे व समय के अभाव के कारण मूल निवास पर आकर मतदान नहीं कर पाता है जिसका प्रभाव यह होता है कि मतदान प्रतिशत कम रहता है । चुनाव आयोग ने इस स्तर पर प्रयास किये कि ऐसे प्रवासियों को पोस्ट बैलेट या इन्टरनेट के माध्यम से यह अधिकार दिया जाये कि वह भी मतदान का अधिकार प्राप्त कर गौरवान्वित महसूस कर सके व अपने मत का प्रयोग कर सके । 18 वीं लोकसभा के चुनाव के अन्तर्गत चुनाव आयोग ने बुजुर्ग दिव्यांग व थर्ड जेण्डर को यह अधिकार देकर आंशिक शुरूआत की है अगर प्रवासियो को भी यह सुविधा मिलती है तो मतप्रतिशत में भी बढोतरी सम्भव है जो लोकतंत्र व्यवस्था में एक सकारात्मक कदम होगा ।
लेखराज वर्मा(2025); घरेलू प्रवासी मतदाताओं के मतदान अधिकार का अवलोकन, Shikshan Sanshodhan : Journal of Arts, Humanities and Social Sciences, ISSN(o): 2581-6241, Volume – 8, Issue – 3., Pp.46-49. Available on – https://shikshansanshodhan.researchculturesociety.org/
[1] डॉ; सदानंद साहू,अंतविषयक एवं परविषयक विघापीठ, इग्नू, नई दिल्ली
[1] वहीं
[1] प्रेस सूचना ब्यूरो चुनाव आयोग, नई दिल्ली, २९ दिस; २००२
[1] वहीं
[1] वहीं
[1] अमर उजाला नईदिल्ली
[1] हिन्दुस्तान ,नई दिल्ली
[1] प्रेस सूचना ब्यूरो चुनाव आयोग, नई दिल्ली, १२ अप्रेल, २०२४
[1] अमर उजाला नई दिल्ली २९ दिस; २०२४
![SHIKSHAN SANSHODHAN [ ISSN(O): 2581-6241 ] Peer-Reviewed, Referred, Indexed Research Journal.](https://shikshansanshodhan.researchculturesociety.org/wp-content/uploads/SS-TITLE-HEADER.png)