28, February 2025

ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं की दैनिक जीवन शैली और सामाजिक स्थिति पर सोशल मीडिया का प्रभाव

Author(s): Jyoti Tripathy

Authors Affiliations:

Ph.D Scholar – sociology, Magadh University, India.

DOIs:10.2018/SS/202502004     |     Paper ID: SS202502004


Abstract
Keywords
Cite this Article/Paper as
References
सारांश: भारत एक ऐसा देश है जहां की 70 फीसदी जनसंख्या गाँव में निवास करती है। पिछले एक दसक में भारत में संचार प्रध्योगिकी में तीव्र गति से वृद्धि हुई है, जिससे गाँव भी अछूता नहीं रह गया है। पहले एक समय था जब ग्रामीण महिलाओं की स्थिति बहुत ही सोचनीय एवं दयनीय थी, घर के बड़े एवं वृद्ध जनों के समीप नहीं जाना, घूँघट में रहना, किसी बाहरी लोगों से बात-विचार नहीं करना जिसके कारण किसी भी सूचना से, देश-विदेश की बातें, तौर-तरीके, जीवनशैली जैसी बातों से अनभिज्ञ थी। वर्तमान प्रस्थिति की बात करे तो सूचना समाज के इस युग में महिलाएं बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रही हैं और सोश्ल मीडिया से जुड़कर अपनी प्रस्थिति एवं जीवनशैली में परिवर्तन लाने की कोशिश कर रही हैं। ग्रामीण महिलाएं सोश्ल मीडिया से किन-किन क्षेत्रों में प्रभावित हो रही हैं इस लेख में हम इनसे जुड़े कुछ प्रश्नों के उत्तर को ढूँढेंगे और यह जानने की कोशिश करेंगे की ग्रामीण महिलाओं के उत्थान में सोश्ल मीडिया की क्या भूमिका हो सकती है।
महिलाएं, सोश्ल मीडिया, स्मार्ट फोन, सामाजिक स्थिति, जीवनशैली

Jyoti Tripathy(2025); ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं की दैनिक जीवन शैली और सामाजिक स्थिति पर सोशल मीडिया का प्रभाव, Shikshan Sanshodhan : Journal of Arts, Humanities and Social Sciences,   ISSN(o): 2581-6241,  Volume – 8,   Issue –  2.,  Pp.22-31.        Available on –   https://shikshansanshodhan.researchculturesociety.org/

  1. 70 प्रतिशत आबादी कृषि पर निर्भर : उपायुक्त, जागरण, 24 Jan 2013, उपलब्ध: https://www.jagran.com/jharkhand/gumla-10068259.html
  2. “भारत की १५वीं जनगणना की मुख्य बातें”. मूल से 9 मई 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 9 मई 2019
  3. चन्द्रमौलि, सी, Census of india (2011),उपलब्ध: https://censusindia.gov.in/nada/index.php/catalog/42617/download/46288/Census%20of%20India%202011-Rural%20Urban%20Distribution%20of%20Population.pdf
  4. बसीन, कमला (!991) आर्टिकल – क्या यह सच है कि औरत औरत की दुश्मन है ? है तो क्यों ? , सेवा ग्राम विकास संस्थान पब्लिशर, प्रीस्ट सं 16-19,  livingfeminisms.org
  5. आहूजा, राम (2011) सामाजिक सर्वेक्षेन एवं अनुसंधान , रावत पब्लिकेसन, ओरिजनल प्रिंट- 2003 रिप्रिंट 2011
  6. खेतान, प्रभा (2002) स्त्री: उपेक्षिता , सिमोन द बोउवार की पुस्तक द सेकेंड सेक्स का हिन्दी अनुवाद, हिन्द पॉकेट बुक्स पब्लिकेसन, वर्ष 2002 , पृस्ट सं.
  7. वाल्वी, सिल्विया (1990) पितृसत्ता का सिधान्त (ऑक्सफोर्ड : बेसिल ब्लेकवेल, 1990)
  8. तिवारी, श्रद्धा (2022) ग्रामीण महिलाओं की सामाजिक व आर्थिक स्थिति में समस्या, जर्नल ऑफ आर्ट हयूमनिटीस एंड सोश्ल साइन्सेस, वॉल्यूम 5, जून 2022
  9. शुक्ला, पश्यंती (2016), भारत में महिलाओं कि समाजिक-आर्थिक स्थिति, ग्रामीण विकास को समर्पित , कुरुक्षेत्र मासिक पत्रिका- जनवरी २०१६, वर्ष 62, प्रीस्ट सं. 41-44, उपलब्ध: https://afeias.com/wp-content/uploads/2016/01/kurukshetra-hindi1.pdf
  10. शर्मा, सुचित्रा एवं शर्मा, अमरनाथ (2016) ग्रामीण महिला सशक्तिकरण और जेंडर आधारित भेदभाव, ग्रामीण विकास समीक्षा महिला सशक्तिकरण विशेषांक, अंक- 57, प्रीस्ट सं- 112-117, जनवरी-जून 2016
  11. सिंह, शिवराम(2022), भारतीय ग्रामीण समाज में महिलाओं की सामाजिक प्रस्थिति,Journal of Arts, Humanities and Social Sciences,pp-38- 42, Volume – 5, Issue – 6, JUNE – 2022 Publication Date: 30/06/2022
  12. श्रीवास्तव,राकेश (2018), ग्रामीण महिलाओं का सशक्तिकरण: आगे की राह, कुरुक्षेत्र, वर्ष : 64, मासिक अंक 3, प्रीस्ट सं. 5 से 9, जनवरी 2018
  13. सौरभ, समीरा (2018), सशक्त होती ग्रामीण महिलाएं ,  कुरुक्षेत्र, वर्ष : 64, मासिक अंक 3, प्रीस्ट सं. 12 से 17, जनवरी 2018
  14. शर्मा, अरविंद कुमार(2016), महिला सशक्तिकरण में डिजिटल साक्षरता का योगदान, ग्रामीण विकास समीक्षा, अंक- 57, जनवरी- जून 2016, क्र. सं. 10, प्री.सं. 84-89
  15. देवी,पुंस भारती (2023)- ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण का माध्यम बना इन्टरनेट, उपलब्ध: https://gaonkelog.com/internet-became-medium-of-empowerment-of-rural-women/
  16. जयसवाल, अनुपमा (2016) पंचायती राज में अनुसूचित महिला का नेतृत्व एवं राजनीति सहभागिता , ग्रामीण विकास समीक्षा, अंक- 57, जनवरी- जून 2016,  क्र. सं. 1, प्री.सं. 1-8

Download Full Paper

Download PDF No. of Downloads:25 | No. of Views: 218