25, June 2025

आधुनिक संस्कृत साहित्य: एक मूल्यांकन

Author(s): मंजू सैनी

Authors Affiliations:

संस्कृत प्राध्यापिका, शहीद उधम सिंह राजकीय महाविद्यालय, मटक माजरी ­­­­­­­­­­­­­­­­­­­­­­­(इंद्री) करनाल, हरियाणा

DOIs:10.2018/SS/202506005     |     Paper ID: SS202506005


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शोध -आलेख सार:  संस्कृत भाषा केवल एक धार्मिक या दार्शनिक भाषा नहीं है, बल्कि यह भारत के सामाजिक, सांस्कृतिक और बौद्धिक विकास का मूल आधार है। संस्कृत भाषा भारतीय संस्कृति, दर्शन, विज्ञान और साहित्य की संवाहक है। यद्यपि संस्कृत का प्राचीन साहित्य अत्यधिक समृद्ध है, परंतु यह धारणा गलत है कि संस्कृत का विकास आधुनिक युग में रुक गया है। आधुनिक युग में भी संस्कृत साहित्य का सृजन निरंतर हो रहा है। 19वीं सदी से लेकर वर्तमान तक संस्कृत में साहित्यिक रचनाओं की सतत परंपरा रही है, जिसे 'आधुनिक संस्कृत साहित्य' के नाम से जाना जाता है। आधुनिक संस्कृत साहित्य एक जीवंत साहित्यिक परंपरा है, जिसमें समकालीनता और शाश्वतता का सुंदर सामंजस्य है। यह साहित्य न केवल भारतीय सांस्कृतिक चेतना का वाहक है, बल्कि बदलते समय के अनुरूप नई सोच और दृष्टिकोण को भी प्रस्तुत करता है। आधुनिक संस्कृत साहित्य न केवल परंपरा का निर्वाह करता है, अपितु समकालीन विषयों पर रचनात्मक विमर्श भी प्रस्तुत करता है। बीसवीं सदी के उत्तरार्ध से लेकर आज तक अनेक विद्वानों, लेखकों एवं कवियों ने संस्कृत साहित्य की विभिन्न विधाओं में उत्कृष्ट कृतियाँ प्रस्तुत की हैं। यह शोध-पत्र आधुनिक संस्कृत साहित्य के स्वरूप, उसकी प्रमुख प्रवृत्तियों, रचनाकारों और योगदान, संस्कृत के संरक्षण एवं चुनौतियाँ पर प्रकाश डालता है।    
मुख्य-शब्द :  संवाहक , सांस्कृतिक चेतना, वैज्ञानिक दृष्टिकोण , समावेशी, प्रगतिशील, पुनरुत्थान , संवेदनशील ।

मंजू सैनी(2025); आधुनिक संस्कृत साहित्य: एक मूल्यांकन, Shikshan Sanshodhan : Journal of Arts, Humanities and Social Sciences,      ISSN(o): 2581-6241,  Volume – 8,   Issue –  6.,  Pp.26-29.        Available on –   https://shikshansanshodhan.researchculturesociety.org/


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