28, May 2025

डॉ. भीमराव आंबेडकर के राजनैतिक चिंतन का समकालीन परिप्रेक्ष्य में पुनर्मूल्यांकन

Author(s): डॉ. मुनेन्द्र सिंह

Authors Affiliations:

असिस्टेंट प्रोफेसर, इतिहास एवं एशियन कल्चर विभाग, शिया पी0जी0 कॉलेज, लखनऊ

DOIs:10.2018/SS/202505003     |     Paper ID: SS202505003


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सारांशडॉ. भीमराव आंबेडकर भारतीय राजनीति, समाज और संविधान निर्माण के ऐसे युगद्रष्टा थे, जिनकी विचारधारा आज भी प्रासंगिक है। उनके राजनैतिक विचारों की बुनियाद सामाजिक न्याय, समानता, स्वतंत्रता और बंधुत्व जैसे सिद्धांतों पर आधारित थी। इस शोधपत्र में आंबेडकर के राजनीतिक चिंतन का समकालीन परिप्रेक्ष्य में विश्लेषण करते हुए यह समझने का प्रयास किया गया है कि वर्तमान भारतीय लोकतंत्र में उनके विचार किस प्रकार प्रभावी हैं। जातिवाद, सामाजिक भेदभाव, दलित अधिकारों और लोकतांत्रिक मूल्यों की स्थापना में उनके योगदान का गहन विश्लेषण किया गया है। साथ ही यह भी देखा गया है कि आज के सामाजिक-राजनैतिक परिवेश में आंबेडकरवाद को किस रूप में व्याख्यायित किया जा रहा है। यह पुनर्मूल्यांकन न केवल उनके योगदान को समझने में सहायक है, बल्कि यह वर्तमान सामाजिक संरचना में उनके विचारों की प्रासंगिकता को भी रेखांकित करता है। यह लेख, अम्बेडकर के लेखन में निहित सैद्धांतिक मुद्दों को प्रतिबिंबित करने के अलावा, उन मुद्दों पर अम्बेडकर की स्थिति को पकड़ने का प्रयास करता है जिनकी प्रासंगिकता वास्तव में आज भी महसूस की जाती है। अम्बेडकर का राजनीतिक दर्शन विशेष रूप से पश्चिमी राजनीतिक सिद्धांत के संकट पर फिर से बातचीत करने और आम जनता के संघर्षों का नेतृत्व करने में मदद कर सकता है। अम्बेडकर का लेखन उदारवादीएवं रूढ़िवादी जैसी भव्य राजनीतिक धाराओं के साथ जुड़ा है। अम्बेडकर का दर्शन अनिवार्य रूप से नैतिक और धार्मिक है। उनके लिए, समाज राजनीति से पहले है। सामाजिक नैतिकता उनके राजनीतिक दर्शन का केंद्र है। वह न तो घोर व्यक्तिवादी है और न ही रूढ़िवादी या समुदायवादी। लोकतंत्र की अवधारणा समानता, स्वतंत्रता और बंधुत्व के सिद्धांतों को सच्ची भावना से आत्मसात करती है। प्रभुत्वशाली राजनीतिक परम्पराओं में आंबेडकर कहाँ खड़े है, यह पता करना कठिन है। अम्बेडकर का राजनीतिक चिंतन उनके विचारों की जटिलता को समझने के लिए नई भाषा की मांग करता है। वर्तमान अध्ययन अम्बेडकर पर मौजूदा साहित्य में अंतराल और खामियों को ध्यान में रखते हुए अम्बेडकर के राजनीतिक विचारों के विभिन्न पहलुओं का एक संक्षिप्त वस्तुनिष्ठ विश्लेषण करने का एक प्रयास है।

 
मुख्य शब्द:  : आंबेडकर, राजनैतिक विचार, सामाजिक न्याय, संविधान, लोकतंत्र, आंबेडकरवाद, दलित अधिकार, समानता, धर्म, जातिवाद विरोध, सामाजिक परिवर्तन, मानवाधिकार, स्वतंत्रता।

डॉ. मुनेन्द्र सिंह(2025); डॉ. भीमराव आंबेडकर के राजनैतिक चिंतन का समकालीन परिप्रेक्ष्य में पुनर्मूल्यांकन, Shikshan Sanshodhan : Journal of Arts, Humanities and Social Sciences,      ISSN(o): 2581-6241,  Volume – 8,   Issue –  5.,  Pp. 14-17.       Available on –   https://shikshansanshodhan.researchculturesociety.org/


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