आधार (यूआईडीएआई) आधारित अपराधों की रोकथाम: प्रौद्योगिकी और कानून का समन्वयन
Author(s): डॉ.चंद्रमौली पाण्डेय
Authors Affiliations:
प्रवक्ता राजनीति शास्त्र, (राजकीय इण्टर कॉलेज)
DOIs:10.2018/SS/202504006     |     Paper ID: SS202504006शोध सार :- भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) द्वारा स्थापित आधार प्रणाली, भारतीय निवासियों के लिए एक विशिष्ट पहचानकर्ता के रूप में कार्य करती है, जिसका उद्देश्य सरकारी सेवाओं और सामाजिक लाभों तक पहुँच में सुधार करना है। हालाँकि, सामाजिक और आर्थिक विकास में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका के बावजूद, आधार का दुरुपयोग होने की संभावना बढ़ गई है, जिसके कारण पहचान की चोरी, वित्तीय धोखाधड़ी और साइबर अपराध जैसे आधार-आधारित अपराधों के विभिन्न रूप सामने आए हैं। यह शोधपत्र आधार से जुड़े जोखिमों की पड़ताल करता है एवं इसके दुरुपयोग से उत्पन्न होने वाले अपराधों के प्रकारों का विश्लेषण करता है, जिसमें सरकारी योजनाओं में धोखाधड़ी, अनधिकृत वित्तीय गतिविधियाँ और डेटा उल्लंघन शामिल हैं। यह इन अपराधों को कम करने में प्रौद्योगिकी की भूमिका की जाँच करता है, धोखाधड़ी गतिविधियों का पता लगाने के लिए बायोमेट्रिक सुरक्षा, एन्क्रिप्शन और AI-संचालित निगरानी के महत्व पर जोर देता है। इसके अतिरिक्त शोध आधार अधिनियम 2016, संवैधानिक गोपनीयता चिंताओं और प्रासंगिक साइबर अपराध कानूनों सहित आधार के आसपास के कानूनी ढांचे की पड़ताल करता है। हालांकि तकनीकी प्रगति ने सुरक्षा को मजबूत किया है फिर भी बायोमेट्रिक धोखाधड़ी, कानूनी अपर्याप्तता और सामाजिक विश्वास के मुद्दे जैसी चुनौतियाँ बनी हुई हैं। इस शोधपत्र का उद्देश्य आधार आधारित अपराधों को रोकने के लिए प्रौद्योगिकी और कानूनी सुधारों को मिलाकर एक सामंजस्यपूर्ण दृष्टिकोण प्रदान करना है, जिसमें उन्नत एन्क्रिप्शन, मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (एमएफए) और डिजिटल सुरक्षा पर सार्वजनिक शिक्षा है। आधार प्रणाली अपनी सार्थकता सिद्ध करते हुए नागरिकों को संभावित दुरुपयोग से बचाने के लिए मजबूत सुरक्षा उपायों, कानूनी सुधारों और व्यापक जागरूकता की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हैं।
डॉ.चंद्रमौली पाण्डेय(2025); आधार (यूआईडीएआई) आधारित अपराधों की रोकथाम: प्रौद्योगिकी और कानून का समन्वयन, Shikshan Sanshodhan : Journal of Arts, Humanities and Social Sciences, ISSN(o): 2581-6241, Volume – 8, Issue – 4., Pp.35-41. Available on – https://shikshansanshodhan.researchculturesociety.org/
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