हिंदी भाषा: संस्कृति से संवाद तक वैश्विकता की ओर
Author(s): डॉ. ओम सिंह, डॉ. चंद्र कांत शर्मा
Authors Affiliations:
1सहायक आचार्य, समाजशास्त्र विभाग, एपेक्स स्कूल ऑफ ह्यूमैनिटीज एंड आर्ट्स, एपेक्स यूनिवर्सिटी। 2सहायक आचार्य, शिक्षा विभाग, एपेक्स स्कूल ऑफ एजुकेशन, एपेक्स यूनिवर्सिटी।
DOIs:10.2018/SS/202506001     |     Paper ID: SS202506001सारांश (Abstract) : हिंदी केवल एक भाषा नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक आत्मा की अभिव्यक्ति है। वर्तमान वैश्वीकरण और तकनीकी विकास के युग में हिंदी ने न केवल भारत में बल्कि विश्व स्तर पर भी अपनी प्रासंगिकता सिद्ध की है। हिंदी भाषा न केवल एक संप्रेषण माध्यम है, बल्कि भारतीय संस्कृति की संवाहक भी है। वैश्वीकरण के इस युग में भाषाओं के संवाद और उनकी आपसी अंतःक्रिया ने संस्कृति को एक नए दृष्टिकोण से देखने का अवसर दिया है। यह शोध पत्र हिंदी भाषा के माध्यम से संस्कृति के संवाद और इसके वैश्विक प्रभावों का विश्लेषण करता है और हिंदी की वैश्विक उपस्थिति, प्रभाव, चुनौतियाँ एवं संभावनाओं का सम्यक विश्लेषण प्रस्तुत करता है।
डॉ. ओम सिंह, डॉ. चंद्र कांत शर्मा(2025); हिंदी भाषा: संस्कृति से संवाद तक वैश्विकता की ओर, Shikshan Sanshodhan : Journal of Arts, Humanities and Social Sciences, ISSN(o): 2581-6241, Volume – 8, Issue – 6., Pp.1-6 Available on – https://shikshansanshodhan.researchculturesociety.org/
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