28, May 2025

सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण में कला की भूमिका

Author(s): इन्दु

Authors Affiliations:

सहायक प्रोफेसर, ललित कला विभाग, आईआईएमटी यूनिवर्सिटी, मेरठ

DOIs:10.2018/SS/202505002     |     Paper ID: SS202505002


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सारांश:  कला सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण में केवल दृश्य तक सीमित न रहकर, प्रदर्शनकारी कला और स्थापत्य डिज़ाइन जैसी विविध अभिव्यक्तियों को भी समाहित करती है। नृत्य, संगीत, रंगमंच जैसे माध्यम सांस्कृतिक परंपराओं और कथाओं के संप्रेषण में सहायक होते हैं, जबकि स्थापत्य संरचनाएँ सांस्कृतिक पहचान का मूर्त प्रमाण बनती हैं। पर्यावरणीय संकट, जलवायु परिवर्तन, अत्यधिक पर्यटन और संसाधनों की कमी विरासत स्थलों के लिए चुनौती हैं। इनके समाधान हेतु सामुदायिक भागीदारी, सतत वित्त पोषण और अंतरराष्ट्रीय सहयोग आवश्यक हैं। यह शोध कला की भूमिका का विश्लेषण करता है और बताता है कि कला किस प्रकार सांस्कृतिक पहचान के दस्तावेजीकरण और संरक्षण में सहायक हो सकती है।  

इन्दु (2025); सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण में कला की भूमिका, Shikshan Sanshodhan : Journal of Arts, Humanities and Social Sciences,      ISSN(o): 2581-6241,  Volume – 8,   Issue –  5.,  Pp.7-13.       Available on –   https://shikshansanshodhan.researchculturesociety.org/


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