20, April 2025

भोजपुरी साहित्य में व्यक्त प्रवसन के सांस्कृतिक अध्ययन

Author(s): यशवंत कुमार सिंह

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शोधछात्र, स्नातकोत्तर भोजपुरी विभाग,  वीर कुँवर सिंह विश्वविद्यालय, आरा

DOIs:10.2018/SS/202504009     |     Paper ID: SS202504009


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शोध-सारांश: आज भोजपुरी भारत की सीमाओं में ही आबद्ध नहीं है, अपितु भारत के बाहर मॉरीशस, फ़िजी, त्रिनिडाड, सूरीनाम, गुयाना, एवं नेपाल के बहुसंख्यक लोगों की मातृभाषा बनी हुई है | भोजपुरी क्षेत्र अपनी समृद्ध सांस्कृतिक परम्पराओं के कारण प्राचीन काल से ही विख्यात रहा है | लोक कला एवं लोक संस्कृति के दृष्टि से यह अत्यंत समृद्ध क्षेत्र  है | भोजपुरी संस्कृति ही अपने आप में पूर्ण, स्वस्थ व गहरी है | भोजपुरी क्षेत्र में निवास करने वाला हर व्यक्ति, हर प्राणी एक सांस्कृतिक सूत्र में बंधा विराट तत्व का ही एक रूप है | यह देश-विदेश कहीं भी जाता है, अपना सांस्कृतिक धरोहर को साथ ले जाता है | भोजपुरिया समाज अपना समरस समाज और समृद्ध सांस्कृतिक परम्पराओं के कारण पूरे विश्व में जाना जाता है | भोजपुरिया क्षेत्र से जीतने भी मजदूर प्रवास के लिए देश या विदेश गये हैं, वे अपने सभ्यता-संस्कृति को आज भी संजोए हुए हैं |

बीज शब्द : प्रवास, मजदूर, भोजपुरी, मॉरीशस, प्रवासन, संस्कृति |

यशवंत कुमार सिंह (2025); भोजपुरी साहित्य में व्यक्त प्रवसन के सांस्कृतिक अध्ययन, Shikshan Sanshodhan : Journal of Arts, Humanities and Social Sciences,      ISSN(o): 2581-6241,  Volume – 8,   Issue –  4.,  Pp.52-55.        Available on –   https://shikshansanshodhan.researchculturesociety.org/

1   श्रीकांत, (2021), बिहार : पलायन की पृष्ठभूमि, ज़ेवियर इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल रिसर्च, पटना, पृष्ट सं.- 8             

2   श्रीकांत, (2021), बिहार : पलायन की पृष्ठभूमि, ज़ेवियर इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल रिसर्च, पटना, पृष्ट सं.- 20

3   सिंह, धनंजय (2016), प्रवासी श्रम इतिहास, भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान राष्ट्रपति निवास, शिमला, पृ. सं.- 197

4   लेबर इमिग्रेशन इन मॉरीशस, ए पिक्टोरियल रिकलेक्शन, पृष्ट सं.- 24

5   जी, एपेंडिक्स, (4 अगस्त), इंडियन लेबर इन द मॉरीशस, रिटर्न टू एन एड्रेस ऑफ द ओनेरबुल द हाउस ऑफ कामन्स,         पृष्ट सं.-  17

6   राय, डॉ. अजीत कुमार, (2022),भोजपुरी लोक संस्कृति का वैश्विक स्वरूप, रश्मि प्रकाशन, कृष्णा नगर, लखनऊ, पृ. सं.- 53

7   लाल, ब्रिज वी., (2005), फ़िजी यात्रा: आधी रात से आगे, नेशनल बुक ट्रस्ट,

8   रामशरण, प्रह्लाद, (2004), मॉरीशस का इतिहास, वाणी प्रकाशन, नई दिल्ली,

9   बुद्धू, डॉ. सरिता , (2003), मॉरीशस की भोजपुरी परम्पराएँ, प्रभात प्रकाशन, दिल्ली,

10  उपाध्याय, डॉ. कृष्णदेव, (2009), लोक संस्कृति की रूप रेखा, लोक भारती प्रकाशन, इलाहाबाद,


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