भारत में पोषण, कुपोषण और आहार व्यवहार: एक समग्र विश्लेषण
Author(s): प्रदीप चौधरी
Authors Affiliations:
(सहायक आचार्य) विषय– गृह विज्ञान
राजकीय महाविद्यालय, सीसवाली
DOIs:10.2018/SS/202505005     |     Paper ID: SS202505005यद्यपि किसी व्यक्ति के जीवन में अनेक आवश्यकताएँ होती हैं, फिर भी भोजन और पोषण को मानव जीवन के लिए दो सबसे महत्वपूर्ण आवश्यकताएँ माना जाता है। व्यक्ति अपने जीवन में अनेक कार्य और उत्तरदायित्व निभाता है, जिन्हें वह एक स्वस्थ आहार से प्राप्त ऊर्जा, स्फूर्ति और शक्ति के माध्यम से कुशलतापूर्वक संपन्न करता है। सामान्य वृद्धि और विकास के लिए भोजन एक अनिवार्य घटक माना जाता है। यह न केवल कार्यस्थल पर बेहतर प्रदर्शन के लिए आवश्यक है, बल्कि शैक्षणिक कार्यों को पूर्ण करने, घरेलू उत्तरदायित्वों का निर्वहन करने तथा खेल-कूद, संगीत, नृत्य, कला और शारीरिक गतिविधियों जैसे सह-पाठ्यक्रमों में पूर्ण भागीदारी के लिए भी आवश्यक है। पोषक तत्वों से भरपूर विशिष्ट खाद्य पदार्थों का सेवन शरीर की कार्यप्रणाली को प्रभावित करता है, बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करता है, स्वास्थ्य की पुनःस्थापना करता है और व्यक्ति के पर्यावरणीय परिवर्तनों के प्रति प्रतिक्रिया को निर्धारित करता है। भोजन और पोषण की सहायता से व्यक्ति इस समग्र, व्यापक और पद्धतिपरक क्षेत्र को समझ सकता है।
मानव पोषण यह समझने का प्रयास करता है कि कोशिकीय अंगकों, कोशिकाओं, ऊतकों, अंगों और शरीर की संपूर्ण प्रणाली किस प्रकार भोजन से आवश्यक तत्वों का उपयोग करती है ताकि शरीर की संरचनात्मक और क्रियात्मक स्थिरता बनी रहे। यह अध्ययन भोजन और पोषण की अवधारणाओं को समझने तथा इनके व्यक्ति के स्वास्थ्य से सम्बन्ध को स्पष्ट करने का प्रयास करता है। इसमें मुख्य रूप से निम्नलिखित पहलुओं पर ध्यान केंद्रित किया गया है — भोजन और पोषण की समझ, खाद्य कार्य, पोषक तत्वों की अनिवार्यता, भारत में खाद्य और पोषण, भोजन, पोषण और स्वास्थ्य का सम्बन्ध, तथा भोजन, पोषण, आहार एवं गैर-संचारी रोगों के बीच संबंध। यह शोधपत्र इस बात को रेखांकित करता है कि कोई व्यक्ति भोजन और पोषक तत्वों को अणु स्तर से लेकर सामुदायिक स्तर तक किस प्रकार प्राप्त करता है और उपयोग करता है, तथा उन कारकों को समझाता है जो इन प्रक्रियाओं को निर्धारित एवं प्रभावित करते हैं। उपयुक्त भोजन और पोषक तत्वों का सेवन मानव शरीर को सामान्य रूप से विकसित करता है और जीवन स्तर को सुधारता है।
प्रदीप चौधरी (2025); भारत में पोषण, कुपोषण और आहार व्यवहार: एक समग्र विश्लेषण, Shikshan Sanshodhan : Journal of Arts, Humanities and Social Sciences, ISSN(o): 2581-6241, Volume – 8, Issue – 5., Pp.23-29 Available on – https://shikshansanshodhan.researchculturesociety.org/
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