भारतीय चुनावी व्यवस्था में उभरती चुनौतियाँ और एक राष्ट्र-एक चुनाव की वैकल्पिक व्यवस्था का विश्लेषणात्मक अध्ययन
Author(s): अरुण कुमार, किशोरी लाल
Authors Affiliations:
अरुण कुमार, शोध छात्र, राजनीति विज्ञान विभाग, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, शिमला, हिमाचल प्रदेश
किशोरी लाल, स्वतंत्र शोधार्थी, हिमाचल प्रदेश, शिमला
DOIs:10.2018/SS/202506010     |     Paper ID: SS202506010सार संक्षेप : भारतीय चुनावी व्यवस्था में सामान्यतः प्रत्येक संसदीय चुनाव के पश्चात चुनाव सुधारों की चर्चा-परिचर्चा देखने को मिलती है। इसका मुख्य कारण पाँच वर्षों के अंतराल में बार-बार चुनावों का आयोजन है। भारत में प्रत्येक वर्ष विभिन्न संस्थाओं के आम, मध्यावधि और उपचुनाव विभिन्न समयों पर आयोजित किए जाते हैं। इस शोध का मुख्य उद्देश्य इस प्रश्न की जाँच करना है कि वर्तमान समय में भारतीय राजनीतिक व्यवस्था में किस प्रकार की चुनौतियाँ उभरकर सामने आ रही हैं, और क्या ‘एक राष्ट्र–एक चुनाव’ के माध्यम से इन चुनौतियों का समाधान किया जा सकता है? शोधार्थियों ने इस शोध पत्र में वर्णनात्मक, विश्लेषणात्मक और व्याख्यात्मक पद्धति का उपयोग किया है। निष्कर्ष रूप में कहा जा सकता है कि भारतीय राजनीतिक व्यवस्था में बार-बार चुनाव होने के कारण चुनावी खर्चों में वृद्धि, लंबे समय तक लागू रहने वाली आचार संहिता, भ्रष्टाचार, राजनीतिक आपराधिकरण, शासन में व्यवधान तथा सुरक्षा व्यवस्था के लिए अनेक चुनौतियाँ सामने आ रही हैं। इन चुनौतियों में से अधिकांश का समाधान ‘एक राष्ट्र–एक चुनाव’ के माध्यम से संभव हो सकता है।
अरुण कुमार, किशोरी लाल (2025); भारतीय चुनावी व्यवस्था में उभरती चुनौतियाँ और एक राष्ट्र-एक चुनाव की वैकल्पिक व्यवस्था का विश्लेषणात्मक अध्ययन, Shikshan Sanshodhan : Journal of Arts, Humanities and Social Sciences, ISSN(o): 2581-6241, Volume – 8, Issue – 6., Pp.51-62. Available on – https://shikshansanshodhan.researchculturesociety.org/
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